Category «Family Sex Stories»

TMKOC open minded society-2

Previous part: Tmkoc open minded society part-1 Is part ko padhne se pehle iska 1st part jaroor padhe. Jesa ki aap sab ne pichle part me padha kaise baapu ji Daya ko jhuka kar uski chut chod dete hai aur fir vo apna plan safal karne ke liye meeting bulate hai. Ab aage… Raat ko …

TMKOC open minded society-3

Previous Part: TMKOC open minded society-2 Umeed hai aap sabko ye story ki series pasand aa rahi hogi. Jaisa ji aap logo ne padha kaise Jethalal ko bapuji se himmat mili aur tab Jethalal ne Babita ji ko side me leja kar jabardast choda kyoki bapuji ne naya neeyam banaya tha jiske hissab se Babita …

Ghar ki jawan behan aur haseen maa-9

Previous Part: Ghar ki jawan behan aur haseen maa-8 Hello readers, jaisa ki aap logo ne pichale part me padha me aur mummy raat ko papa ke side me let kar risky chudai karte hai aur issi bich papa ki neend khul jati hai lekin hum pakde nahi jate. Jab me mummy ki chudai kar ke …

मेरी मौसी और मेरी मौसेरी बहन काजल – भाग 4

मौसी सात बजे के बाद ही कपूर अंकल के घर से आयी। आते ही अपने कमरे में चली गयी और फिर करीब आठ बजे बाहर आयी – मैक्सी डाले हुए। आते ही सोफे पर पसर गयी। टांगें बीच पड़े सेंटर टेबल पर रख दीं और टीवी चालू कर दिया। मौसी ने मेरी तरफ देखा और …

मेरी मौसी और मेरी मौसेरी बहन काजल – (अंतिम भाग)

मौसी एक बार फिर हंसी और उठ कर मेरे खड़े लंड पर बैठ गयी और बिना देरी किये चुदाई शुरू कर दी। जैसे लम्बी लम्बी उठक बैठक मौसी मेरे लंड पर कर रही थी, और जितना मजा मुझे आ रहा था, एक पल को मेरे मन में ख्याल आया ,”अब इसमें उस बेचारे राहुल का …

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-4

अगले दिन से मेरी और अभिषेक की एक नयी दुनिया शुरू हो गयी। अगला दिन रविवार था तो सारे बच्चे रविवार को देर से उठते हैं और कामवाली भी देर से ही आती है। लेकिन माँ होने के नाते मैं आदतन जल्दी ही उठ जाती हूँ। सारे बच्चे सो रहे थे, तो मैं चुपके से …

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-5

अभिषेक उठ कर मेरे चुत पे एक चुम्मी देकर चुत के दीवार को खोलने लगा और अपने खड़े लंड को सीधे अंदर घुसा दिया। अब वो सिखने लगा था। इतने तेज़ी से घुसाया की मेरी बहुत ज़ोर की चीख निकल गयी। चुत में काफी रस था और “फच फच्च फच फच” की आवाज़ आ रही …

मेरे चारों बच्चे मेरी जान-6

शाम हुयी, सारे कर्मचारी चले गए। मैं हमारे रेस्ट रूम में आ गयी। अभिषेक गेट वगैरह लॉक करने के लिए निचे था। इतने में मैंने अपने कपड़े खोल लिए, सिर्फ ब्रा-पैंटी में आ गयी, अपने बाल खोल लिए, एक गाढ़ी से लिपस्टिक लगा ली, और अपने मोबाइल में एक रोमांटिक सा म्यूजिक लगा दिया। आज …

चित्रा और मैं-1

काफी पुरानी बात है। मैं कक्षा 11 में था, और 18 की उम्र पार करके ही ग्यारहवीं में पहुंचा था। उस उम्र के लगभग सभी लड़कों की तरह मैं भी हर समय काफी हॉर्नी रहता था। क्लास में अपनी पेंसिल या रबर नीचे गिरा देता सिर्फ इसलिए, कि पीछे बैठी लड़की अगर ज़रा भी टांगें …